फ़िक्र-ए-रोज़गार ने फासले बड़ा दिए... वरना, सब यार एक साथ थे,
अभी कल ही की तो बात है !!! चले तो थे दोस्तों का पूरा काफिला ले कर...
पर आधे 'जुदा' हो गए और आधे 'खुदा' हो गए... कुछ 'गुमशुदा' तो कुछ 'शादीशुदा' हो गए
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