बात 1983 की है। किरण बेदी तब नई
दिल्ली की ट्रैफिक कमिश्नर बनी थीं।
एक दिन उनके सब इंस्पेक्टर निर्मल सिंह ने
कनॉट प्लेस में एंबेसेडर कार को गलत तरीके
से खड़े देखा। जब सिंह ने
बेदी को बताया तो उन्होंने कार के
खिलाफ कार्रवाई करने को कहा।
तभी एंबेसेडर का ड्राइवर दौड़ता हुआ
आया और बोला कि आप इस कार
को कहीं नहीं ले जा सकते क्योंकि यह
इंिदरा गांधी की है। तब
इंदिरा प्रधानमंत्री थीं। लेकिन किरण
बेदी और उनके सब इंस्पेक्टर ने कहा कि कार
किसी की भी हो,
जुर्माना भरना होगा। ड्राइवर
नहीं माना तो किरण बेदी ने क्रैन से
इंदिरा की कार उठवा ली और उसे थाने
भेज दिया। घटना के बाद
इंदिरा गांधी ने किरण की सार्वजनिक
रूप से तारीफ कर कहा था कि देश
को उन्हीं जैसे अफसरों की जरूरत है
जो साहस के साथ ड्यूटी कर सकें।
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Friday, January 16, 2015
Kiran bedi with indira gandhi 1983
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